प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से हो: प्रो० संजय

दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन

प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से हो: प्रो० संजय

पटना, 8 दिसम्बर। एजुकेशनल डेवलपमेंट कौंसिल एवं फातिमा डिग्री कॉलेज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन आज फुलवारी शरीफ के गोनपुरा स्थित फातिमा डिग्री कॉलेज में हुआ। 7 एवं 8 दिसम्बर को आयोजित इस सेमिनार में कई सत्र आयोजित हुए। सतत विकास में संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ विषय पर केन्द्रित सेमिनार में वक्ताओं के विद्वतापूर्ण उद्‌बोधन, पुस्तक लोकार्पण, एक सौ बीस शोध आलेखों का वाचन, सत्तर ऑन लाइन वाचन, सम्मान व पुरस्कार वित‌रण एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी हुई। आज के इस कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व कुलपति प्रो० रास बिहारी सिंह, प्रो० उपेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ रियाज अहमद, प्रो० संजय कुमार, डॉ असदउल्लाह खान, डीन प्रो० कमल प्रसाद बौद्ध, प्रो० प्रमोद कुमार, डॉ सुनील कुमार सिंह  एवं प्रो० संजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, शील्ड और अंगवस्त्र से किया गया। सेमिनार में चार-पांच देशों के प्रतिनिधि के अलावा पाटलिपुत्र वि०वि०, नालंदा खुला वि०वि०, कोल्हान वि०वि०, कैपिटल वि०वि०, स्काई लाइन वि०वि०, ल० ना० मि० वि०वि०, मौलाना मजहरुल हक अर‌बी फारसी वि०वि० के शीर्ष प्रतिनिधियों के अतिरिक्त अनेक शोधार्थी और शिक्षाविद शामिल हुए। उद्‌घाटन के बाद टी० पी० एस० कॉलेज के प्राचार्य डॉ उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सम्बोधन में कहा कि हमें अपने कार्य के प्रति ईमानदार होने की ज़रूरत है। नालंदा खुला वि०वि० के कुलपति प्रो० संजय कुमार ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल हमें विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए। कैपिटल वि०वि० के कुलपति प्रो० प्रमोद कुमार ने कहा कि शिक्षा समाज के लिए अति आवश्यक है। हमें शिक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। पटना वि०वि० के पूर्व कुलपति डॉ रास बिहारी सिंह ने कहा कि प्रदूषण के फैलने में गरीबी की भी भूमिका है। समाज में शिक्षा के प्रति जब तक जागरूकता पैदा नहीं होगी तब तक सतत विकास की कल्पना साकार नहीं हो सकती। झारखण्ड से पधारे डीन डॉ आर० के० नायक का कहना था कि भारतीय दर्शन विश्व के अन्य दर्शन से कहीं अधिक उम्दा है।

समारोह में लखनऊ वि० वि० के प्रो० मुनेश कुमार, डॉ रियाज अहमद, प्रो० बी बी मल्लिक, डॉ मुजफ्फर इस्लाम, डॉ साद बिन हामिद, प्रो० तनवीर यूनुस, डॉ सोनू रजक, डॉ असदउल्लाह खान, प्रो० फैज अहमद, डीन डॉ कमल प्रसाद बौद्ध, डॉ आफाक हाशमी, डॉ गुलाम मोह‌म्मद अंसारी, डॉ सुनील कुमार सिंह, अल फातिमा के प्राचार्य डॉ मो० अनवर, डॉ ध्रुव कुमार आदि ने अपने सारगर्भित वक्तव्यों से श्रोताओं को लाभांवित किया। सेमिनार में शिक्षा के विविध आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। महीनों से की जा रही तैयारी से सेमिनार आज सफल रहा। इस अवसर पर सैकड़ों शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया।

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